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कंप्यूटर की पीढ़ी || Generation of Computer
आज हम कंप्यूटर के पीढ़ियों के बारे में चर्चा करेंगे (Generation of Computer in Hindi) कि किस प्रकार के कंप्यूटर पहले कार्य में लाए जाते थे अथवा आज किस प्रकार की टेक्नोलॉजी का यूज़ किया जाता है यहाँ आप पहले पीढ़ी के कंप्यूटर एवं आज के युग के कंप्यूटर के मध्य अंतर् देख सकते है की किस प्रकार की रफ्तार से पहले के कंप्यूटर कार्य करते थे और क्या कार्य करते थे और आज के कंप्यूटर क्या कार्य करते है और इनके कार्य करने की तीव्रता क्या है |
तो आइए देखते है कंप्यूटर की सभी पाँच पीढ़ियों के बारे में –
- प्रथम पीढ़ी कंप्यूटर (First Generation Computer) 1946 to 1954
- द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर (Second Generation Computer) 1955 to 1964
- तृतीय पीढ़ी कंप्यूटर (Third Generation Computer) 1965 to 1974
- चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर (Forth Generation Computer) 1975 to 1990
- पंचम पीढ़ी कंप्यूटर (Fifth Generation Computer) 1990 to Present time
प्रथम पीढ़ी कंप्यूटर
वैक्यूम ट्यूब को ली-डिफोरेस्ट ने वर्ष 1908 में प्रस्तावित था | प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत वर्ष 1946 से प्रारम्भ हुई इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था | यह कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब का मैमोरी यूनिट की तरह इस्तेमाल करता था वैक्यूम ट्यूब में ऊर्जा की अधिक मात्रा खर्च होती थी तथा यह लोड होने में भी बहुत समय लगता था तथा इसकी प्रोसेसिंग स्पीड बहुत ही कम थी और डाटा स्टोर करने के लिए स्टोरेज क्षमता कम थी | वैक्यूम ट्यूब की कीमत भी बहुत अधिक थी जिससे उस समय में इसे खरीद पाना भी बहुत मुश्किल था | उदाहरण- IBM 650, EDSAC, UNIVAC इत्यादि |
द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर
द्वितीय पीढ़ी कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर (Transistor) का पप्रयोग किया गया | ट्रांजिस्टर (Transistor) का पप्रयोग 1955-1964 में किया गया | ट्रांजिस्टर के आने से कंप्यूटर में बहुत बदलाव आए अर्थात हम यह कह सकते है की कंप्यूटर क्षेत्र में वैक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर के आने से एक नई क्रांति आई है | ट्रांजिस्टर के आने से जहा 1000 वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था वही उसी कार्य को हम मात्र एक ट्रांजिस्टर सकते है ट्रांजिस्टर का आकर भी वैक्यूम ट्यूब की तुलना में बहुत कम है तथा इसके कार्य करने की क्षमता भी अत्यधिक ज्यादा है तथा इसकी स्टोरेज क्षमता भी अधिक है | उदाहरण- IBM 1401, 7000 सीरिज इत्यादि |
तृतीय पीढ़ी कंप्यूटर
तृतीय पीढ़ी कंप्यूटर का इस्तमाल वर्ष 1965-1974 में किया गया |तृतीय पीढ़ी कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर की जगह इंटिग्रेटिक चिप (Integrated Chip) का प्रयोग किया गया जिसे IC भी कहा जाता है | इंटिग्रेटिक चिप में लगभग 300 ट्रांजिस्टर को एक साथ जोड़ा गया जिससे इसकी तीव्रता द्वितीय एवं प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से अधिक हो गई तथा वही इसकी स्टोरेज क्षमता भी बढ़ गई | इस पीढ़ी के कंप्यूटर के आकर भी बहुत छोटे हो गए | इंटिग्रेटिक चिप के आने से कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज इस्तेमाल होने लगा | उदाहरण- IBM 360, IBM 370 इत्यादि |
चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर
चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर में वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन सर्किट का प्रयोग किया गया | चतुर्थ पीढ़ी कंप्यूटर को वर्ष 1975 से 1990 तक यूज किया गया | चतुर्थ पीढ़ी के दौरान ही माइक्रोप्रोसेसर का भी इस्तेमाल किया गया अर्थात वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन सर्किट अथवा चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर को माइक्रोप्रोसेसर युक्त कंप्यूटर भी कहा जाता है | इन कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता यदि प्रथम द्वितीय अथवा तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर को देखा जाए तो इस कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक है | इस कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है | उदाहरण- IBM PC, Apple-Macintosh इत्यादि |
पंचम पीढ़ी कंप्यूटर
पंचम पीढ़ी कंप्यूटर के आने से कंप्यूटर क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है इस कंप्यूटर का प्रयोग वर्ष 1990 से अभी तक किया जा रहा है | यह कंप्यूटर माइक्रोप्रोसेसर एवं अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन चिप से बने हुए है | वर्तमान में सभी लोग आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स (Artificial Intelligence) AI से भली भाती परिचित होंगे तो ये कंप्यूटर भी आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स पर आधारित है इन कंप्यूटर की स्पीड तथा स्टोरेज क्षमता और पीढ़ियों से बहुत अधिक है तथा यह बहुत भरोसेमंद भी होते है | इस कंप्यूटर में निर्णय लेने की क्षमता (Decision making) भी होती है यह कंप्यूटर आसानी से सभी भाषाओ को समझ सकता है |